उर्मिला एजुकेशनल एकेडमी में धूमधाम से मना बाल दिवस
Children's Day celebrated with great enthusiasm at Urmila Educational Academy
बस्ती, 15 नवम्बर। उर्मिला एजुकेशनल एकेडमी में बाल दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय प्रांगण में आयोजित सामूहिक ’प्रार्थना’ के साथ हुई। प्रार्थना के उपरांत विद्यार्थियों ने ’फूड स्टॉल्स का शानदार आयोजन’ किया। यह आयोजन मुख्य आकर्षण बन गया। बच्चों ने अपनी रचनात्मकता और उत्साह का बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए घर पर तैयार किए गए पौष्टिक व स्वादिष्ट व्यंजन प्रदर्शित किए।
हर स्टॉल पर बच्चों की सजावट, प्रस्तुति और आत्मविश्वास देखने लायक था। स्टॉल्स को देखकर अभिभावकों, शिक्षकों व आगंतुकों ने बच्चों के उत्साह और मेहनत की खुलकर प्रशंसा की। यह आयोजन न सिर्फ बच्चों के लिए मनोरंजन का स्रोत रहा, बल्कि इससे उन्होंने टीमवर्क, प्रबंधन, स्वच्छता और जिम्मेदार व्यवहार जैसे व्यावहारिक कौशल भी सीखे। कई बच्चों ने अपने व्यंजनों के बारे में बताते हुए अपनी पाक-कला और ज्ञान का आत्मविश्वास से परिचय कराया।
छोटे बच्चों के मनोरंजन के लिए भी जम्पिंग झूला, मिकी माउस जम्पिंग, बाउंसी कैसल तथा मज़ेदार मिनी राइड्स जैसे आकर्षक खेल और मनोरंजक सुविधाएँ उपलब्ध थीं। इन मनोरंजक गतिविधियों ने छोटे बच्चों के चेहरे पर खुशियाँ बिखेर दीं और पूरा वातावरण हँसी-खुशी से भर गया। कार्यक्रम के दौरान डा० राजन शुक्ला ने सभी फूड स्टॉल्स का बारीकी से निरीक्षण किया तथा बच्चों से उनके व्यंजनों, तैयारी और प्रस्तुति से जुड़े प्रश्न पूछे। उन्होंने छात्रों के आत्मविश्वास, रचनात्मकता और मेहनत की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक विनय शुक्ल ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा “बाल दिवस बच्चों के सपनों, उनकी हिम्मत और उज्ज्वल भविष्य को समर्पित दिन है। फूड स्टॉल जैसे कार्यक्रम बच्चों में नेतृत्व कौशल, टीमवर्क, जिम्मेदारी और व्यावहारिक ज्ञान विकसित करते हैं। हमें गर्व है कि हमारे विद्यार्थी हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं।” उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग देने वाले सभी शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों का धन्यवाद दिया।
प्रधानाचार्या श्रीमती शशि प्रभा त्रिपाठी ने कहा कि “फूड स्टॉल जैसे आयोजन बच्चों को वास्तविक जीवन के कौशल सीखने का अवसर प्रदान करते हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने में बसन्त गुप्ता, राकेश पाण्डेय, संतोष सिंह, श्रवण चौधरी, अभिनव प्रकाश पाण्डेय, मनोज मिश्रा, राजेश पाण्डेय, सुधांशु सर, अमन मिश्रा, शैलेन्द्र तिवारी, दिव्यांश श्रीवास्तव, श्यामा, सुजाता, पूनम, अर्चना, शिप्रा, नम्रता, दीपाली, प्रतिमा के., खुशबू, ममता, निष्ठा मणि, आंचल सिंह, श्रीमती रंजना यादव, मधु कन्नौजिया, सतनाम कौर, अंजू मिश्रा, मधुप्रिया मिश्रा, एवं मिनाक्षी मिश्रा का विशेष योगदान रहा।
































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