गाजियाबाद में पिंक बूथ की प्रभारी दरोगा प्रिया सिंह एवं
हेड कान्स्टेबल सस्पेन्ड, रिश्वत लेते एसीबी के हत्थे चढ़े थे
गाजियाबाद, उ.प्र. (ओपी श्रीवास्तव) 50,000 रूपये की रिश्वत लेते समय गिरफ्तार की गई मुरादनगर थाने की महिला दरोगा प्रिया सिंह और हेड कांस्टेबल शाहिद को सस्पेंड कर दिया गया है। दोनों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गौड़ ने दोनों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। आज दोनों को अदालत में पेश किया गया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया है।
मेरठ के एण्टी करप्शन टीम की इस कार्यवाही से महकमे मे हड़कम्प मच गया है। वहीं रिश्वतखोर अफसर सतर्क हो गये हैं। दरअसल यह पूरा मामला एक पारिवारिक विवाद से शुरू हुआ है। मेरठ सदर तहसील में तैनात लेखपाल रजनीश के खिलाफ उनकी पत्नी चंचल ने दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था। इसी केस की विवेचना मुरादनगर थाने की पिंक बूथ प्रभारी दरोगा प्रिया सिंह कर रही थीं। आरोप है कि प्रिया सिंह ने रजनीश के सामने दो शर्तें रखीं. पहली मुकदमे से रजनीश के बुजुर्ग माता-पिता का नाम हटाना। दूसरी केस में अन्य गंभीर धाराएं न बढ़ाना। इसके लिये दरोगा ने 2 लाख रुपये की डिमांड की।
फिलहाल 50,000 रुपये में सौदा तय हो गया। सिपाही शाहिद इस पूरी डीलिंग में बिचौलिए का किरदार निभा रहा था। परेशान होकर लेखपाल रजनीश ने मेरठ एंटी करप्शन टीम से शिकायत की। इसके बाद विजिलेंस टीम ने दरोगा को ट्रैप करने के लिये जाल बिछाया। शुक्रवार को जैसे ही रजनीश ने मुरादनगर थाने के अंदर दरोगा प्रिया सिंह और सिपाही शाहिद को 50 हजार रुपये कैश थमाया, पहले से घात लगाकर बैठी विजिलेंस टीम ने दोनों को दबोच लिया। रजनीश ने बताया कि शुरुआत में उससे 2 लाख रुपये मांगे गए थे। दरोगा जी बार-बार धमकी दे रही थीं कि अगर पैसे नहीं दिए तो माता पिता का नाम नहीं निकलेगा और मुझे भी कोई बनाकर अंदर कर देंगे। मजबूर होकर मुझे यह कदम उठाना पड़ा।











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