आयुष चिकित्साधिकारी डा. वी.के. वर्मा ने बताया आंतों को हेल्दी रखने का तरीका
Ayush Medical Officer Dr. V.K. Verma explains how to keep the intestines healthy
आजकलआंत स्वास्थ्य (GUT HEALTH) को लेकर लोग गंभीर हो रहे हैं। हमारी आंतें सिर्फ पाचन में ही मदद नहीं करतीं, बल्कि यह हमारे सम्पूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। बस्ती जिला अस्पताल के आयुष चिकित्साधिकारी डा. अी.के. वर्मा ने अंतों को स्वस्थ रखने के आयुर्वेदिक व होम्योपैथी उपायों पर विस्तार से जानकारी दी। मीडिया दस्तक से बातचीत करते हुये उन्होने कहा हमारी आंतों में लाखों प्रकार के सूक्ष्म जीवाणु, वायरस और फंगी मौजूद होते हैं, जिन्हें मिलाकर गट माइक्रोबायोम कहा जाता है। ये सूक्ष्म जीवाणु न केवल भोजन को पचाने में मदद करते हैं, बल्कि शरीर के पोषण अवशोषण, विषाक्त पदार्थों के निष्कासन और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करते हैं।
अस्वस्थ आंत के लक्षण
पाचन संबंधी समस्याएं, कब्ज या दस्त, एसिडिटी, वजन में अनियमित बदलाव, नींद की समस्या और थकान, लगातार सुस्ती और दिनभर ऊर्जा की कमी, त्वचा की समस्याएं मुंहासे, एक्जिमा या सोरायसिस, खाने की अत्यधिक इच्छा, बार-बार मीठा, तला-भुना या अस्वस्थ खाना खाने की इच्छा होती है, तो यह संकेत है कि आपकी आंत में खराब बैक्टीरिया की संख्या बढ़ गई है। आंत और मस्तिष्क के बीच एक गहरा संबंध होता है, जिसे गट-ब्रेन कनेक्शन कहा जाता है। खराब गट हेल्थ की वजह से चिंता, तनाव, डिप्रेशन और मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कैसे बनायें आंत स्वास्थ्य को बेहतर
प्रोबायोटिक्स (Probiotics) अच्छे बैक्टीरिया होते हैं। घर की बनी छाछ या दही दोनों ही प्रोबायोटिक से भरपूर होते हैं जो आंतों में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ाते हैं. इससे पाचन बेहतर होता है और गैस, एसिडिटी जैसी समस्याएं दूर होती हैं. रोजाना लंच में एक कटोरी दही या छाछ पीने से काफी फायदा होता है। सौंफ और जीरा दोनों ही डाइजेशन में मदद करते हैं। रात को एक गिलास पानी में थोड़ा सौंफ और जीरा भिगो दें. सुबह इसे उबालकर छान लें और खाली पेट पिएं। इससे आंतों में सूजन कम होती है और पेट हल्का लगता है। फाइबर गट हेल्थ के लिए रामबाण है. यह आंतों को साफ करता है और पाचन क्रिया को सुचारू बनाता है।
अपने खाने में फल, सब्जियां, दलिया, ओट्स और साबुत अनाज शामिल करें. यह कब्ज की समस्या को भी दूर करता है। केला और पपीता दोनों ही पाचन में मददगार हैं. इनमें मौजूद एंजाइम गट को एक्टिव रखते हैं और खाना जल्दी पचता है। सुबह नाश्ते में इन्हें शामिल करना फायदेमंद रहेगा। त्रिफला चूर्ण आयुर्वेद में आंतों की सफाई (Intestinal cleansing) और मजबूती के लिए प्रसिद्ध है. रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेने से कब्ज दूर होती है और गट हेल्दी रहती है। इन घरेलू उपायों को नियमित अपनाने से आपकी गट हेल्थ सुपरफास्ट तरीके से सुधरेगी और शरीर में एक नई ताजगी महसूस होगी।
इससे बचें
अत्यधिक तला-भुना, शक्करयुक्त और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ आंत के बैक्टीरिया को असंतुलित कर सकते हैं। ये खाद्य पदार्थ सूजन को बढ़ा सकते हैं और पाचन को धीमा कर सकते हैं। तनाव आपके आंत स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। ध्यान, योग और व्यायाम से तनाव को कम किया जा सकता है, जिससे आंत स्वास्थ्य में सुधार होता है। एंटीबायोटिक्स का सीमित उपयोग करना चाहिये। यह अच्छे बैक्टीरिया को भी नष्ट कर सकते हैं, इसलिए इन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना न लें। जब भी आवश्यक हो, प्रोबायोटिक्स का सेवन करें ताकि आंत में संतुलन बना रहे।
होम्योपैथी में उपचार
चाइना, कार्वोवेज, लाइकोपोडियम, नक्सवोमिका, ब्रायोनिया पल्सेटिला, नैट्रमफास, इपिकाक, कालीवाईक्रोम, फास्फोरस, आक्जैलिक एसिड, विस्मथ, क्यूप्रममेट, एन्टिम टार्ट, आर्सेनिक एलबम, हाइडेस्ट्रिस आदि दवायें उचित क्षमता मे लक्षण के अनुसार चिकित्सक के परामर्श व देखरेख में ली जा सकती हैं जो हमारी आंतों को स्वस्थ रखने मे मददगार होंगी।
इक्सपर्ट परिचय
डा. वी.के. वर्मा, जिला अस्पताल बस्ती में तैनात आयुष विभाग के नोडल अधिकारी हैं। आपने करीब 35 साल के चिकित्सा अनुभवों के आधार पर लाखों रोगियों का सफल इलाज किया है। इन्होने बस्ती से फैजाबाद मार्ग पर पटेल एस.एम.एच. हॉस्पिटल एवं पैरामेडिकल कालेज, बसुआपार में डा. वी.के. वर्मा इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस सहित कई विद्यालयों की स्थापना की है। खास बात ये है कि इनके अस्पताल में दवाओं के अतिरिक्त रोगियों से कोई चार्ज नही लिया जाता। दवाओं के भुगतान में भी डा. वर्मा गरीबों, पत्रकारों, साहित्यकारों की मदद किया करते हैं। इनकी सेवाओं या परामर्श के लिये इस नम्बर पर संपर्क किया जा सकता है। मो.न. 9415163328









































Post a Comment
0 Comments