शिक्षकों ने जलाया एफआईआर की प्रतियां, आन्दोलन के दौरान हुआ है एफआईआर
बस्ती , 02 नवम्बर। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय आह्वान पर मंगलवार को शिक्षकों कर्मचारियों ने संघ के राष्ट्रीय पदाधिकारियों पर शासन द्वारा मनमाने तरीके से दर्ज एफआईआर के विरोध में जनपद के अनेक विद्यालयों में उसकी प्रतियां जलाकर इसको वापस लेने की मांग की। अटेवा जिला संयोजक तौआब अली ने बताया कि 25 नवम्बर को दिल्ली के जंतर मंतर पर पुरानी पेंशन बहाली एवं आरटीई एक्ट लागू होने से पहले नियुक्त शिक्षकों पर टेट लागू किए जाने के विरोध में शांति पूर्ण तरीके से एनएमओपीएस का धरना चल रहा था।
धरना समाप्त होने के उपरांत एनएमओपीएस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुखजीत सिंह एवं संगठन सचिव बिजेंद्र धारीवाल पर प्रशासन द्वारा मनमाने तरीके से एफआईआर दर्ज कर दिया गया। जो कि अत्यंत खेदजनक है जिसका अटेवा, एनएमओपीएस इकाई घोर निंदा करती है और सरकार से यह मांग करती है कि दोनों पदाधिकारियों पर दर्ज एफआईआर तत्काल वापस लिया जाए। यदि दोनों पदाधिकारियों पर दर्ज एफआईआर वापस नहीं लिया गया तो संगठन बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होगा। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
मंडलीय महामंत्री दीपक सिंह प्रेमी जिला कोषाध्यक्ष अमर चंद व मीडिया प्रभारी नीरज वर्मा ने कहा कि एनएमओपीएस के राष्ट्रीय पदाधिकारियों पर दर्ज एफआईआर सरकार द्वारा लोगों के हक की आवाज दबाने की एक साजिश है जिसे संघ कत्तई बर्दाश्त नहीं करेगा। इस दौरान ज्ञानेन्द्र भारती, प्रमोद ओझा, देवेन्द्र तिवारी, बृजेश वर्मा, डॉ कमलेश चौधरी, सुरेन्द्र यादव, कैलाश नाथ, अनिरुद्ध वर्मा, डॉ सत्यप्रकाश मौर्य, बाबूराम वर्मा, सुखराज गुप्ता, अर्जुन प्रसाद, मोहम्मद सलाम,पप्पू सक्सेना, जितेन्द्र वरुण मनीष मिश्रा, संजय यादव, विजय कुमार, अनीता, निशा वर्मा,मीरा श्रीवास्तव, दीपक सिंह, आशुतोष मिश्रा, इरशाद अहमद,देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव अजय कुमार सिंह बैभव,सहित सैकड़ों शिक्षक कर्मचारी ने अपने अपने कार्यस्थल पर एफआईआर की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज कराया।

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