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स्वस्थ और सुरक्षित बच्चे की चाहत है तो अनुकूल पर्यावरण बनाइये- If you want to have a healthy and safe child then create a favorable environment.

स्वस्थ और सुरक्षित बच्चे की चाहत है तो अनुकूल पर्यावरण बनाइये




गोरखपुर, 04 जून। पेड़ पौधों की अंधाधुंध कटाई और प्रदूषण के जरिये पर्यावरण में जो असंतुलन पैदा हो रहा है वह स्वस्थ और सुरक्षित बच्चे की चाहत के लिए भी चुनौती बन सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पर्यावरण में असंतुलन के कारण भी लोगों को अत्यधिक गर्मी और हीट वेव का प्रकोप झेलना पड़ रहा है। ऐसे हालात सबसे अधिक खतरा गर्भवती और गर्भस्थ शिशु के लिए पैदा करते हैं । सुरक्षित मातृत्व के लिए ये हालात बदलने जरूरी हैं।


इंटरनेशनल जर्नल ऑफ गायनोकोलॉजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक अत्यधिक गर्मी के कारण गर्भवती की ह्रदय और गुर्दे की प्रणाली कमजोर हो सकती है। इन स्थितियों में गर्भस्थ भ्रूण के लिए भी जटिलताएं बढ़ जाती हैं। वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट के अनुसार अत्यधिक गर्मी और हीट वेव के कारण गर्भवती में हाइपरटेंशन का खतरा कहीं अधिक बढ़ जाता है। साथ ही गर्भस्थ शिशु के कम वजन के जन्म लेने, जन्मजात विकार और मृत बच्चा जन्म लेने की भी आशंका अधिक होती है।


पिपराईच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सक डॉ एमडी बर्मन का कहना है कि अत्यधिक गर्मी के कारण हुए निर्जलीकरण से गर्भवती के रक्तचाप के भी कम होने की संभावना होती है। जब रक्तचाप कम होता है तो वह पेट में पल रहे बच्चे के लिए भी दिक्कतें पैदा कर देता है। ओपीडी में आने वाली गर्भवती को गर्मी से बचने के लिए विशेष तौर पर परामर्श दिया जा रहा है।


पर्यावरण प्रदूषण है चुनौती

मुख्य चिकित्सा अधिकारी  डॉ आशुतोष कुमार दूबे का कहना है कि पर्यावरण प्रदूषण मातृ शिशु स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चुनौती है। प्रदूषित वातावरण में पैदा होने वाले बच्चों में फेफेड़े संबंधी बीमारियों की आशंका अधिक होती है । दिल्ली एनसीआर में यह एक चुनौती बन कर उभरा है, जो धीरे धीरे छोटे शहरों की ओर बढ़ रहा है । वायु प्रदूषण के जरिये गर्भावस्था पर भी खतरा विद्यमान रहता है। ऐसी माताओं के बच्चे कम वजन के पैदा हो सकते हैं जो लगातार प्रदूषित वातावरण में रहती हैं ।

यह उपाय जरूरी

अधिक से अधिक पौधे लगाएं। तेज धूप और हीट वेव में न निकलें। घर के बाहर निकलें तो मास्क अवश्य लगाएं। वाहनों का इस्तेमाल कम किया जाए। गर्भवती और नवजात को प्रदूषित वातावरण से दूर रखें।


पर्यावरण प्रदूषण के अन्य नुकसान

फेफड़े से संबंधित बीमारियां। ह्रदय रोग और उच्च रक्तचाप के रोगियों को हीट वेव से जीवन का खतरा। गंदगी के कारण वेक्टर जनित रोगों के प्रसार की आशंका


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