गर्लफ्रेण्ड की ब्लेकमेलिंग से परेशान सिपाही ने सरकारी बंदूक से किया सुसाइड
2018 बैच का सिपाही पम्मी मूल रूप से बुलंदशहर के औरंगाबाद अहीर गांव का रहने वाला था। उसकी मूल पोस्टिंग पीएसी में थी। अभी वह गाजियाबाद में मुरादनगर नगर पालिका कार्यालय के ईवीएम स्टोर की सुरक्षा में तैनात था। पम्मी के साथ एक और सिपाही ध्यान सिंह की भी ड्यूटी थी। मंगलवार रात 8 बजे ध्यान सिंह किसी काम से बाहर चले गए, तभी पम्मी ने सरकारी बंदूक से खुद को गोली मार ली। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलते ही कई थानों का पुलिस फोर्स पहुंची।
देर रात पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने क्राइम स्पॉट की जांच-पड़ताल की। सिपाही ने कहा- मैं 2 साल से इतना परेशान हूं कि अपने मन की बात किसी को नहीं बता सकता। मेरे गांव में एक लड़की है। घर के सामने रहती है। उसने पहले मुझे फंसाया। अब 2 साल से मुझे ब्लैकमेल कर रही है। गांव का एक लड़का अमित उसका साथ देता है। इस केस में 3 लोग मिले हैं। तीसरी गर्लफ्रेंड की सहेली है, जो मेरठ में रहती है।
उसका नाम गुड्डन है। बाकी उसके बारे में कुछ नहीं जानता। 2 साल में मुझसे 6 लाख रुपए ऐंठ लिए हैं। अब भी पैसों की डिमांड आ रही है। वे जेल भिजवाने की धमकी देते हैं। पम्मी ने कहा- मैं ठीक से खाना भी नहीं खा पा रहा। कोई लड़की पैसों के लिए अपनी इज्जत को दांव पर लगा सकती है, मैंने जिंदगी में पहली बार देखा है। मैंने पत्नी की ज्वेलरी बेचकर इन्हें पैसे दे दिए। फिर भी इन्हें शांति नहीं मिली। इस लड़की के पीछे मैंने एक बार जहर भी खा लिया था। मैंने उसके सामने हाथ-पैर जोड़े कि मुझे माफ कर दे, गलती हो गई, लेकिन उसने मेरी एक नहीं सुनी।
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