कान्स्टेबल स्व सौरभ देशवाल के हत्यारों तक नही पहुंच पाई नोयडा पुलिस
गौतमबुद्ध नगर (ओ पी श्रीवास्तव)। थाना मसूरी क्षेत्र अंतर्गत नाहर गांव में रविवार की रात गौतमबुद्ध नगर के नोएडा पुलिस पर हुए हमले के मामले में तीन दिन बीतने के बाद भी बलिदानी स्व. सौरभ देशवाल को गोली मारने और पुलिस टीम पर हमला करने वालो की पहचान नहीं हो सकी है। जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ है की गोली बेहद नजदीक से मारी गई।
इससे गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर दोनों जिले की पुलिसिया कार्यवाही पर सवाल उठ रहे हैं कि स्व सौरभ देशवाल के शेष आरोपी कब पकड़े जाएंगे। पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में करीब दो दर्जन अभियुक्तों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है और शीघ्र ही आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बताते है कि गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र के नाहर गांव में बिना वर्दी में गए नोएडा पुलिस ने वांछित आरोपित कादिर को रविवार देर रात में पकड़ लिया था और पुलिस टीम उसे लेकर आ रही थी।
इसी बीच नाहर गांव के कई अज्ञात लोगों ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर हमला कर दिया जिसमें नोएडा के फेज थ्री थाने में वर्ष 2017 बैच के कान्स्टेबल स्व सौरभ देशवाल गोली लगने से वीरगति को प्राप्त हो गए तथा छः अन्य पुलिस कर्मी घायल हो गए। इस संबंध में पुलिस टीम में शामिल नोएडा के थाना तीन के एक दरोगा सचिन राठी ने घटना के संबंध में गम्भीर धाराओं में केस दर्ज कराया है। सूत्रों के अनुसार सिपाही स्व सौरभ देसवाल के कान के पास गोली लगी और आर पार हो गई।
सूत्रों का यह भी कहना है कि नोएडा पुलिस स्थानीय गाजियाबाद की पुलिस को बिना लिखित सूचना दिए ही बदमाश को पकड़ने गई थी। गाजियाबाद पुलिस का कहना है की मौखिक रूप से सूचित किया गया था। ऐसे में नोएडा पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि यदि नोएडा पुलिस और गाजियाबाद की पुलिस नियम कानून का पालन करते हुए काम करती तो शायद यह हादसा नहीं होता। दुसरी तरफ नोएडा पुलिस पर भी यह सवालिया निशान उठने लगा है कि गाजियाबाद जिले में गिरफ्तारी हेतु जाने के पूर्व उसने गाजियाबाद जिले की पुलिस को लिखित सूचना देकर क्यों नहीं कानून का पालन किया।
बताया जा रहा है कि उक्त घटना में थाना मसूरी गांव के नाहर गांव में बुधवार को भी सन्नाटा पसरा रहा। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि सोमवार की रात पुलिस ने करीब दो दर्जन से अधिक युवाओं को जबरन पूछताछ के लिए उठाया है। हालांकि इस मामले में नाहर गांव के कोई भी ग्रामीण जल्दी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है। बताते हैं कि वारदात के बाद से पूरे गांव में सड़क पर पुरुष नहीं दिखाई दे रहे है। घरों में महिलाओं और बच्चों को ही देखा जा रहा है तथा पुलिस का भारी पहरा है।
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