अटेवा ने पीएम को भेजा ज्ञापन, पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग
बस्ती, 02 अगस्त। शुक्रवार को अटेवा एनएम ओपीएस राष्ट्रीय नेतृत्व के आवाहन पर जिले के शिक्षकों, कर्मचारियों ने विद्यालयों के मर्जर, एनपीएस, यूपीएस व निजीकरण के विरोध में रोष मार्च निकाला। सैकड़ों की संख्या में शिक्षको, कर्मचारियों का हुजूम राजकीय इण्टर कालेज से गांधीनगर होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा। यहां संगठन द्वारा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को सम्बोधित 3 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा गया।
ज्ञापन में विद्यालयों के मर्जर व निजीकरण को रोकने तथा एनपीएस, यूपीएस को समाप्त कर पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करने की मांग की गयी। ज्ञापन देने के बाद अटेवा के जिलाध्यक्ष तौआब अली ने कहा कि विद्यालयों के मर्जर से ग्रामीण क्षेत्रों के दूरदराज के छात्र शिक्षा से वंचित रह जायेगें। इसके साथ ही पुरानी पेंशन बहाली न होने से शिक्षकों, कर्मचारियों का बुढ़ापा असुरक्षित हो गया है। सरकार को इसका संज्ञान लेना चाहिए। मण्डलीय महामंत्री दीपक सिंह ‘प्रेमी’, एकजुट के प्रदेश कोषाध्यक्ष बृजेन्द्र वर्मा, मंत्री धु्रव नरायन चौधरी, डॉ० कमलेश चौधरी ने संयुक्त रूप से कहा कि एनपीएस के विकल्प के रूप में सरकार द्वारा सुझाया गया यूपीएस और भी अधिक असुरक्षित है। हम इन दोनों ही व्यवस्थाओं का विरोध करते रहेगें।
संरक्षक प्रमोद कुमार ओझा, बृजेश वर्मा, देवेन्द्र तिवारी, कैलाशनाथ ने कहा कि कई राज्यों में पुरानी पेंशन व्यवस्था पुनः बहाल हो चुकी है। ऐसे में उ०प्र० में यह व्यवस्था बहाल क्यों नहीं हो सकती। महामंत्री विजयनाथ तिवारी, कोषाध्यक्ष अमरचन्द्र वर्मा, प्रवक्ता विनोद प्रकाश वर्मा, राकेश सिंह ने विद्यालयों के मर्जर को असंवेदनशील कार्य बताया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनीस अहमद, सुनील मौर्या व जितेन्द्र वरूण ने कहा कि कर्मचारियों को बुढ़ापे में एन०पी०एस० के रूप में रू0 800, रू0 1200, रू० 1500 आदि पेंशन मिल रही है। इससे बुढ़ापे का गुजारा सम्भव नहीं है। मीडिया प्रभारी नीरज वर्मा, मनीष प्रकाश मिश्र, ज्ञानेन्द्र भारती तथा एकजुट के जिलाध्यक्ष अजय वर्मा, महामंत्री सत्य प्रकाश मौर्या ने यू०पी०एस० को कर्मचारियों के लिए अहितकर बताया।
Post a Comment
0 Comments