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उत्तराखण्ड में कुदरत ने मचाई भारी तबाही, मलबे में तब्दील हो गया पूरा गांव



उत्तराखण्ड में कुदरत ने मचाई भारी तबाही, मलबे में तब्दील हो गया पूरा गांव

उत्तराखंड डेस्कः मंगलवार को उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में कुदरत ने ऐसी तबाही मचाई कि पूरा देश दहल गया। दरअसल दोपहर करीब 1ः30 बजे, खीरगंगा नदी के ऊपर बादल फट गया, जिससे अचानक एक भीषण सैलाब गांव की ओर उमड़ पड़ा। बादल फटते ही लाखों टन मलबा, पानी के साथ बहुत तेज रफ्तार से गांव में घुस आया। लोग कुछ समझ पाते, इससे पहले महज 58 सेकेंड में पूरा गांव मलबे में दब गया। 



घर, होटल, दुकानें सब कुछ देखते ही देखते तिनके की तरह बह गए। भयानक मंजर देखकर हर कोई चीखने चिल्लाने लगा। हालात ऐसे कि आंखों के सामने गांव का नामो निशान मिट गया। मलबे और पानी के तेज बहाव ने धराली बाजार को पूरी तरह से तबाह कर दिया। सैलाब इतनी तेज रफ्तार से आया कि किसी को संभलने का मौका नही मिला। अब तक 4 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है, 130 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया। 50 से ज्यादा लोग लापता हैं। ये लोग मलबे में दबे हो सकते हैं। प्रशासन का कहना है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और आर्मी की टीमें बचाव और रेस्क्यू में जुटी हैं। अब तक 130 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया है।



खीर गंगा नदी में पहाड़ों से बहकर आए मलबे से धराली का बाजार, मकान और होटल बह गए। धराली के अलावा हर्षिल और सुक्की में बादल फटा है। हर्षिल इलाके में बादल फटने से सेना के 8 से 10 जवानों के लापता होने की खबर है। आपको बता दें धराली गांव उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित एक छोटा पहाड़ी गांव है। यह गांव भागीरथी नदी के किनारे, हर्षिल घाटी के पास बसा हुआ है। धराली गांव गंगोत्री यात्रा का एक प्रमुख पड़ाव है।




 गंगोत्री धाम से पहले यह अंतिम बड़ा गांव है, जहां से लोग आगे की कठिन चढ़ाई के लिए रुकते हैं। तीर्थयात्रियों को यहां रहने और खाने की सुविधा मिलती हैं। देहरादून से 218 किमी और गंगोत्री धाम से 18 किमी दूर है। अब तक यह सामने नहीं आया है कि आपदा के वक्त यहां कितने लोग मौजूद थे। प्रशासन का कहना है कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

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