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60 बीएलओ और 7 सुपरवाइजरों के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर



60 बीएलओ और 7 सुपरवाइजरों के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर 
गौतमबुद्ध नगर, संवाददाता (ओ पी श्रीवास्तव)। जिले में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम (एस आई आर) में लापरवाही बरतने का बड़ा मामला सामने आया है। यहां मतदाता सूची के सत्यापन में लापरवाही बरतने पर जिलाधिकारी मेधा रूपम ने बीएलओ और सुपरवाइजरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। डीएम के आदेश पर 60 बीएलओ और 7 सुपरवाइजरों के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। 


ये एफआईआर कार्यक्रम में लापरवाही, उदासीनता और उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने के आरोप में गौतमबुद्ध नगर के अलग-अलग पुलिस थानों में दर्ज कराई गई हैं। डीएम, जिला निर्वाचन अधिकारी मेधा रूपम के नेतृत्व में 04 नवंबर से 04 दिसंबर 2025 तक मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर जिले में विशेष अभियान चल रहा है। सभी मतदाताओं का सत्यापन कर गणना प्रपत्र भरवाना 4 दिसंबर तक अनिवार्य है। बावजूद इसके कई बीएलओ काम में उदासीनता बरत रहे थे। 


हालांकि, प्रशासन द्वारा बीएलओ और सुपरवाइजरों को शुरूआत से ही नोटिस जारी करने के साथ-साथ वेतन रोकने की चेतावनी दी जा रही है। अनेक पर कार्रवाई भी हो चुकी है, लेकिन उसके बाद भी बीएलओ और सुपरवाइजर लापरवाही बरत रहे हैं। हालत यह है कि नोएडा के ग्राम गढ़ी चौखनडी एवं बहलोलपुर में सैकड़ों ऐसे परिवार हैं जहां आज तक बी एल ओ अथवा सुपरवाइजर पहुंचे ही नहीं है। नोएडा के गढ़ी चौखनडी गोल चक्कर पुश्ता रोड पर स्थित गायत्री वाटिका सोसायटी में जहां तीस परिवार रहते हैं वहां के लोगों की शिकायत है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी मतदाता सूची पुनरीक्षण हेतु नहीं आया है। 


इसी तरह से ग्राम बहलोलपुर की कपड़े प्रेस करने वाली एक महिला ने बताया कि वह मूल रूप से मथुरा जिले की रहने वालीं है लेकिन अपना मत नोएडा विधानसभा से देना चाहती है लेकिन किसी सरकारी विभाग वालों ने सम्पर्क नहीं किया है। जबकि वह उनका इन्तजार कर रही है। हालांकि जिले की तेज़ तर्रार महिला डी एम ने पहले ही सभी संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि वे इस कार्य को पूरी गंभीरता और समयबद्धता के साथ पूरा करें। लेकिन इसके बावजूद भी कई बीएलओ और सुपरवाइजरों ने अपने कर्तव्य पालन में लापरवाही एवं उपेक्षा की, जिसके चलते डी एम को कठोर कार्रवाई करनी पड़ी। 


डीएम के आदेश पर सबसे बड़ी कार्रवाई तहसील दादरी में की गई। यहां उप जिलाधिकारी सदर, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी ने ग्रेटर नोएडा के इकोटेक-वन थाने में 32 बीएलओ और 1 सुपरवाइजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। इसके अलावा नोएडा में भी 11 बीएलओ और 6 सुपरवाइजरों के विरुद्ध दादरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। तीसरी कार्रवाई जेवर में की गई, यहां 17 बीएलओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश उप जिलाधिकारी ने दिया। इस संबंध में जिलाधिकारी का कहना है कि मतदाता सूची लोकतंत्र की मूल आधारशिला है और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 


उन्होंने कहा कि सम्बंधित कर्मचारियों, अधिकारियों को बार-बार चेतावनी देने के बावजूद जब सुधार नहीं हुआ, तभी कार्रवाई की गई। जिला अधिकारी का कहना है कि इसके बाद भी यदि किसी प्रकार की शिकायत आती है तो आरोपी के खिलाफ विधिक कार्रवाई हेतु शासन को पत्र लिखा जाएगा। हालांकि यह भी सत्य है कि जिला प्रशासन चुनाव, निर्वाचन सम्बंधित मामलों में जल्दी किसी कर्मचारी के खिलाफ धरातल पर कोई विधिक कार्यवाही नहीं करता है। चुनाव आते आते सारे मामले वापस ले लिया जाता है। दूसरे चूंकि इस तरह के मामले में गिरफ्तारी नहीं होती है इस लिए सरकारी कर्मचारियों में भय भी उत्पन्न नहीं होता है। वे इसे बड़े हल्के रुप में लेते हैं।

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